Sunday, March 21, 2010

khatana


हे वीरो ! तुम अब जागो .
अवसर निकल न जाये तुम भागो,
मंजिल अपनी यह नहीं पुरानी है,
जल्दी से वीरो हमको पानी है,
समय आ गया है अब अपना,
देखेंगे हम सब अब स्वर्णिम सपना,
शिक्षा की रश्मि से अब नया सवेरा लाना है,
राह में आये काँटों पर चलके दिखाना है,
जीत जहाँ से जायेंगे हम थोडा और कौशल दिखाना है,
"SOM"सजग हो जाओ अभी ये जज्बा नहीं पुराना है.

WRITER-SOMVEER-KHATANA-B.C.A

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